श्री सत्य साई सुप्रभातम प्रातः 5.00 बजे
21 ओमकार एवं ध्यान के पश्चात् की जाने वाली प्रार्थना है |
Sri Sathya Sai Suprabhtam is a morning prayer
to perform at morning 5.00 am after
21 omkaram and dhyanam.
ईष्वराम्बासुतः श्रीमन्, पूर्वासंध्या प्रवर्तते |
उत्तिष्ठ सत्साईष, कर्तव्यं दैवमान्हिकम् ||
उत्तिष्ठोत्तिष्ठ पर्तीष उत्तिष्ठ जगतीपते |
उत्तिष्ठ करूणापूर्ण, लोकमंगल सिद्धये ||
चित्रावती तट विषाल सुषांत सौधे |
तिष्ठन्ति सेवक जनास्तव दर्षनार्थम् ||
आदित्यकान्तिरनुभांति समस्त लोकान् |
श्री सत्य साई भगवन्, तव सुप्रभातम् ||
त्वन्नाम कीर्तन रतास्तव दिव्यनाम् |
गायान्ति भक्ति रसपान प्रहृष्टचित्ताः ||
दातुं कृपासहित दर्षनमांषु तेभ्यः |
श्री सत्य साई भगवन् तव सुप्रभातम् ||
आदाय दिव्य कुसुमानि मनोहराणि, |
श्रीपाद पूजन विधिं भवदंध्रिमूले ||
कर्तुं, महोत्सुकतया प्रविषन्ति भक्ताः |
श्री सत्य साई भगवन् तव सुप्रभातम् ||
देषान्तरागत बुधास्तव दिव्य मूर्तिम्, |
संदर्षनाभिरति संयुत चित्तवृत्या ||
वेदोक्तमंत्र पठनेन लसंत्य जस्त्रम् |
श्री सत्य साई भगवन् तव सुप्रभातम् ||
श्रुत्वा तवाद्भुत चरित्रमखंड कीर्तिम् |
व्याप्ता दिगन्तर विषाल धरातले स्मिन् ||
जिज्ञासुलोक उपतिष्ठति चाश्रमेस्मिन |
श्री सत्य साई भगवन् तव सुप्रभातम् ||
सीता सती समविषुद्धहृदं बुजाताः |
बव्हङगनाः करगृहित सुपुष्प हाराः ||
स्तुनवन्ति दिव्यनुतिभिः फणिभूषणंत्वांम् |
श्री सत्य साई भगवन् तव सुप्रभातम् ||
सुप्रभातमिदं पुण्यं, ये पठन्ति दिने दिने |
ते विषन्ति परं धाम, ज्ञान विज्ञान शोभिताः ||
मंगलं गुरूदेवाय, मंगलं ज्ञानदायिने |
मंगलं गुरूदेवाय, मंगलं ज्ञानदायिने ||
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